एक वक्त ऐसा आयेगा की हम सब अपने अपने माँ पिता जी को भी खो देंगे,वो हमे काबिल बना कर इस दुनिया से किसी दूसरी दुनिया मे चले जायेंगे,विडंबना देखिये की बहुत से ऐसे लोग आज भी मौजूद हैं जो माँ पिता जी के डाँट फटकार को दिल से लगा कर उनसे कई महिनों तक बात चीत बंद कर देते हैं, कभी उनके पिता जी दुश्मन दिखते हैं तो कभी उनकी मां उनको पागल दिखती हैं और इन सब के बीच वो इंसान खुद को महान समझता है और अपने हीं माता पिता से दूरियाँ बनाने लगता है,अंजाने मे वो एक गलती कर बैठता है खूद् को खुश करने के प्रयास मे वो अपने माँ पिता जी के दिल को ना जाने कितनी बार ठेस पहुंचाता है,धीरे – धीरे उनके चेहरे से भी नफ़रत करने लगता है वो युवक अहंकार , जिद्द , लालच , काम और आधुनिकता उसके भीतर अब इतनी ज्यादा घर कर जाती है की उसके सामने उसके माँ पिता जी के प्यार, दुलार, डाँटना, समझाना सब धूमिल हो जाता है और वो इंसान चकाचौंध के बीच अंजाने मे हीं अकेला हो जाता है। कुछ सालों बाद युवक माँ पिता जी से दूर किसी शहर मे ऐसो आराम से रहने लगता है जैसे उसका मूल कर्तव्य शहर मे रहना हीं हो,इधर माँ पिता जी, गाँव मे बच्चों के वियोग मे दुनिया से अलविदा कह जाते हैं । बच्चों को इसकी भनक उनके जवानी मे पता तक नही चलती और जैसे हीं उनके बच्चे भी ठीक वैसा हीं करने लगते हैं तब उनके पास पछतावे के बजाय कुछ भी नही बचता । माँ पिता जी का हाय लगते लगते वो भी दुनिया से बाय बोल देता है।
तो मेरे मित्रों ,जो भी पल मिला है आपको अपने माँ पिता जी के साथ उन्हें जी भर के हँसी खुशी के साथ जियें। माँ पिता जी भी जानकारी के अभाव मे कभी कभी गलत हो सकते हैं, तो उस वक्त उन्हें समझाइये ना की उनसे दूर हो जाइये । क्योंकि ये जो आपके दिमाग़ मे जो कुछ भी भरा पड़ा है वो उनके संपूर्ण जीवन की मेहनत की कमाई है। ध्यान रहे जब भी किसी बुरी परिस्थिति मे फसियेगा तो अपने माँ पिता जी से बातों को शेयर जरूर करें, अगर कुछ नही तो उस जंजाल से लड़ने की हिम्मत जरूर मिलेगी ।।
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